Covid-19 Crisis in India 2021
- Pushpesh Tripathi
- Apr 18, 2021
- 1 min read
Updated: Apr 19, 2021
महामारी के मामले फिर से एक एक बार गति पकड़ चुके हैं। जहाँ एक ओर जन-जीवन लगभग सामान्य हो चुका था, आज फिर से Covid-19 का डर बढ़ गया है। पिछले वर्ष जब इन्ही दिनों Covid-19 ने दस्तक दी थी तब हम तैयार नही थे, हमारी सरकार और स्वाथ्य व्यवस्थाएं इस महामारी से लड़ने के लिए पर्याप्त नही थी।
परन्तु एक वर्ष इस महामारी में बीत जाने पर भी आज हमारी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं वैसी की वैसी ही हैं। वही हॉस्पिटल बेड्स, वेंटिल्टर्स, डॉक्टर्स और सपोर्ट स्टाफ की कमी।
अंत में वही ज़ोर जबरदस्ती, नाईट कर्फ्यू और लॉकडाउन।
गिरती अर्थव्यवस्था के बीच आखिर यही विकल्प हमारी नाकाम सरकार के पास बचते हैं।
इस सरकार की बढ़ती बेरोज़गारी और बच्चों की शिक्षा में कितनी दिलचस्पी है, यह हम सभी देख चुके हैं।
जब साल भर बीत जाने पर भी सरकार की कोई तैयारी इस महामारी से लड़ने की नही है, जब हज़ारों करोड़ के चंदे के PM Cares Fund का ब्यौरा सरकार नही दे पाती है, जब चुनाव के लिए सरकार महामारी के आंकड़ों से छेड़-छाड़ करती है, तब यह समझ आता है कि राम-नाम की सियासत करने वालों के शासन में सब राम भरोसे ही है।
इसलिए आप सभी से निवेदन है कि अपना और अपने परिवार वालों का ध्यान रखें। महामारी से बचाव के पूर्ववधान और लक्षणों से आप सभी अवगत हैं। स्वच्छता का विशेष ध्यान दें, मास्क पहनें और कृपया सभी सुरक्षा नियमो का पालन करें! 🙏
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