फूलदेई की शुभकामनाएं!
- Pushpesh Tripathi
- Mar 14, 2021
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बुरांश सिर्फ फूल नहीं है,
एक पेड़ हैं जिसमे पत्तियां है, शाखें है,
तना है छाल है,
पथरीली जमीन में गहरी धंसी हुई जड़ें हैं।
बुरांश अपनी पत्तियां नहीं झाड़ता,
नई पुरानी सभी कोमल और मोटी पत्तियां,
बर्फ बारिश तूफ़ान, धूप सभी कुछ महसूस करती है,
मिटटी को गंध से परिचित है बुरांश,
नए उगते हुए पौधों को देखर हवा में डोलता,
बसंत में हर बार पूरी क्षमता के साथ,
अपनी अंतर्तम को अभिव्यक्त करता,
सुर्ख रंग में!
तीखे पहाड़ों के ढलानों पर, चोटियों में, नदियों गधेरों के किनारे जिन्होंने बसाए घर,
उनमें रहने वाले लोग,
जिन्होंने पथरिली जमीनों को काट कर खेत बनाए,
हलों के नस्यूड़ों को तेज किया,
मडुवा झुंगरा चुआ धान उगाया,
घट चलाये!, लोहे और ताम्बे से खूबसूरत चीजों को गड़ा,
झोड़े चांचरी भगनौले गाए,
मेहनत से पसीने से और संवेदनाओं से,
जिन्होंने समाज को जीवंतता दी,
जिन्होंने धाल लगाई , साथ की सरोकार की, सहकार की,
और जो सभी संघर्ष कर रहे है,
अपने जंगलो जमीनों और सरोकारों के लिए,
नए सवेरे के लिए।
बुरांश उन सबका है,
बुरांश हमारी चेतना का प्रतिबिम्ब है।
- पुष्पेश त्रिपाठी


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